भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
म्हारी जूण / अर्जुनदेव चारण
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:41, 24 नवम्बर 2011 का अवतरण
कथा बांचणियौ
यूं ई बांचैला
कथा
होठां रै
बीचलै सरणाटै
गमती रैवूंला
म्हैं
हंसैला जादूगर
रोवैला माईत
आखौ कडूंबौ
रोवतौ रोवतौ
होवैला राजी
उण एक दिन
डरता जीवैला
आखी जूंण
म्हैं
कठैई
पाछी नीं आय जावूं