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सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:32, 17 जनवरी 2008 का अवतरण

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मार्गदर्शन के लिये शुक्रिया सुमित जी। लेकिन जहाँ तक आपके द्वारा "रोना" शब्द प्रयोग करने की बात है -आपको बताना चाहूँगा कि ग्राफ़िक डिजाइनर की ज़रूरत कोश को केवल "स्किन" बदलने में सहायता करने के लिये नहीं है। एक डिज़ाइनर रंगो और चित्रों का बेहतर तालमेल कर सकता है। यदि कुछ छोटे-छोटे "आइकन" जैसे उपयुक्त ग्राफिक मिल जाएँगे तो पन्ने और अधिक सुन्दर लगने लगेगें। टैम्प्लेट्स डिज़ाइन में भी एक डिज़ाइनर सहायता कर सकता है। कविता कोश का लोगो भी बेहतर बनाया जा सकता है। सम्मान चक्रों का भी डिज़ाइन करने की आवश्यकता है। ये सब ग्राफ़िक्स जल्दी-जल्दी में बस काम चलाने के लिये बनाये गये हैं। डिज़ाइनर का "रोना" नहीं है -पर यदि कोई सदस्य डिज़ाइनर हो और कुछ सहायता कर सके तो कोई बुराई नहीं है। ये सब छोटे-छोटे काम हैं और इनमें अधिक समय नहीं लगता।

एक और बात, स्किन बदल सकना एक अच्छी सुविधा है लेकिन यह व्यक्तिगत चुनाव है। हम कविता कोश को स्किन के भरोसे न छोड़ कर -इसे खुद इसका एक रूप देना चाहते हैं जो सभी को by default उपलब्ध हो। उसके बाद यदि कोई सदस्य किसी नयी स्किन में कोश को देखना चाहता है -तो वह कभी भी कोई भी नयी स्किन चुन सकता है।

आशा है, सुमित जी, कि मैं आपको बता पाया कि "रो" तो कोई भी नहीं रहा है :-) कोई डिज़ाइनर मदद कर सके तो ठीक है नहीं तो कविता कोश तो बिना डिज़ाइनर के भी लोकप्रिय है और बढ़ रहा है। सादर --Lalit Kumar ०९:१३, ६ जनवरी २००८ (UTC)

सुमित जी,

आपका कविता संग्रह के लिंक्स से संबंधित सुझाव अच्छा है। पहले मैं इसी तरह लिंक्स बनाता था। लेकिन ऐसा करने से कवि का पन्ना बहुत लम्बा हो जाएगा और उसे लोड होने में भी देर लगेगी।

एक बात और, चौपाल में अपने संदेश के साथ अपना नाम भी अवश्य लिखा करें वरना यह पता करना कि संदेश किसने लिखा थोड़ा कठिन हो जाता है। नाम लिखने के लिये हर एडिट पन्ने पर एक हस्ताक्षर करने का बटन होता है। आजकल यह बटन दायें से तीसरे स्थान पर दिखाई देत है। --Lalit Kumar २१:०२, १६ जनवरी २००८ (UTC)