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कैसे क दरसन पाऊँ / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कैसे क दरसन पाऊँ
मैया तेरी सकड़ी दुवरिया
सकड़ी दुवरिया मैया, चंदन किवड़िया
धरम धजा फहराय
मैया तेरी सकड़ी दुवरिया
देवी के द्वारे एक निरथन पुकारे
देव माया घर जाऊँरी
मैया तेरी सकड़ी दुवरिया
देवी के द्वारे एक अंधा पुकारे
देव नयन घर जाऊँरी
देवी के द्वारे एक बाँझ पुकारे
देव पुत्र घर जाऊँरी
देवी के दारे एक कुष्ठा पुकारे
देव काया घर जाऊँरी
मैया तेरी सकड़ी दुवरिया