बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
गुदना हरें गोद गुदनारी।
कसकत बाँय हमारी।
हातन में लिख गुर गोविन्दा,
हिरदें कुँज बिहारी
गालन में लिख छब मोहन की।
फूलन फूल हजारी।
माथैं लिख दे गोबर धन की,
मूरत, प्रान प्यारी।
ईसुर चीन लये राधा ने,
ठाँडे हसत बिहारी॥