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आज रो मिनख / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
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हर आंख
!
हर चैरो
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हर होठ
( )
हर कान
;
हर हाथ
÷
हर साथ
%
हर तन
-
हर मन
{ [ ( ) ] }
हर पग
।
हर सुख
@
हर दुख
+
मिनख बस
चिन्न ई चिन्न