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नारायण झा / परिचय

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लेखक राजकीय मध्य विद्यालय रहुआ-संग्राम, प्रखंड-मधेपुर, जिला-मधुबनी ( बिहार ) मे शिक्षक रूप मे सेवा दैत लेखन कार्य मे लागल छथि। एखन तक दू गोट पोथी प्रकाशित छनि। पहिल पोथी "प्रतिवादी हम" कविता संग्रह पर साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार २०१५ प्राप्त छनि। दोसर पोथी २०१७ ई ० मे "अविरल-अविराम" कविता संग्रह प्रकाशित भेलनि अछि। निरंतर पत्र-पत्रिका सभ मे रचना प्रकाशित होइत रहै छनि। कविता, बाल साहित्य, आलेख लिखै संग थोड़-बहुत गजल आ कथो पर काज कऽ रहला अछि। अध्ययनशील हेबा कारणे हालहि मे नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी सँ एम ए ( मैथिली ) मे सर्वोच्च स्थान प्राप्त करबा पर राज्यपाल सँ गोल्ड मेडल प्राप्त केलथि आ संगहि मैथिली सँ यू जी सी नेट परीक्षा सेहो उत्तीर्ण भेलथि। एखन दू गोट पोथी अप्रकाशित छनि, से शीघ्रे प्रकाशित हेतनि। आगु पीएचडी कार्य मे अध्ययनरत छथि।

हिनक मैथिली कविता नवता आ यथार्थताक परिचायक अछि। कविता मे शब्दक संयोजन अति विशिष्ट आ शैली सेहो अपन रहै छनि। विषय वस्तुक स्तर पर कविता केँ विराटताक संज्ञा देल जा सकैए। जँ मैथिली कविता पढ़ब आ हिनकर पढ़ब, तँ अनचोकहुँ मे हिनक कविता चिन्हा जाएत। तहिना बाल कविता मे, बाल मनोविज्ञानक चासनी मे बोरल कविता सभ बुझाएत, जे मैथिली साहित्यक लेल खास बात अछि। आलेख, कथा सेहो विशिष्ट रहै छनि ।