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सदस्य वार्ता:अनिल जनविजय

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नमस्कार,


कविता कोश में सदस्यों के बीच वार्तालाप को सुचारु बनाने के उद्देशय से मैनें एक लेख लिखा है। कृपया इसे पढ़ें और इसके अनुसार कोश में उपलबध वार्तालाप सुविधाओं का प्रयोग करें। हो सकता है कि आप इन सुविधाओं का प्रयोग पहले से करते रहें हों -फिर भी आपको यह लेख पूरा पढ़ना चाहिये ताकि यदि आपको किसी सुविधा के बारे में पता नहं है या आप इन सुविधाओं का प्रयोग करने में कोई त्रुटि कर रहे हैं तो आपको उचित जानकारी मिल सके।


यह लेख सदस्य वार्ता और चौपाल का प्रयोग नाम से उपलब्ध है।


शुभाकांक्षी

--सम्यक १६:०६, २६ सितम्बर २००९ (UTC)


एक रचना एक से अधिक संग्रहों में...

नमस्कार,


पिछले दिनों अमिताभ जी, श्रद्धा और धर्मेन्द्र कुमार को कविता कोश में रचनाएँ जोड़ते समय एक समस्या का सामना करना पड़ा था। यदि एक ही रचना किसी कवि के एक से अधिक संग्रहों में प्रकाशित हुई हो तो क्या उस रचना को हर संग्रह के लिये अलग-अलग टाइप करना चाहिये? इसका जवाब है "नहीं"...


आज मैनें KKRachna टैम्प्लेट के कोड में कुछ बदलाव किये हैं। इससे अब आप किसी भी रचना को एक से अधिक संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं। इसके लिये आपको संग्रहों के नामों को सेमी-कोलन (;) से अलग करना होगा। उदाहरण के लिये:


{{KKRachna
|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
|संग्रह=परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला";अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
}}


इस उदाहरण में रचना को 2 संग्रहों (परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" और अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला") का हिस्सा बताया गया है। ध्यान दीजिये कि दोनों संग्रहों के नाम सेमी-कोलन (;) से अलग किये गये हैं। इस तरह ज़रूरत पड़ने पर आप किसी रचना को कितने भी संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं।


इस सुविधा का प्रयोग होते हुए आप यहाँ देख सकते हैं: मित्र के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"


आशा है आपको यह सुविधा उपयोगी लगेगी।


सादर


--सम्यक २१:३५, १९ अक्टूबर २००९ (UTC)


सादर नमस्कार अनिल जी

       उजाले अपनी यादों के .... बशीर बद्र,   किताब पूरी कर दी  है |  कृपया आप उसे जांच कर सुरक्षित कर दें ताकि उसमें किताब से बाहर की कोई और ग़ज़ल न जोड़ी जा सके ............

धन्यवाद श्रद्धा --Shrddha १५:३६, २१ अक्टूबर २००९ (UTC)


जनविजय जी! प्रसिद्ध कवियों की कुछ रचनाएँ कूड़ा कविताओं जैसी लगती हैं। क्या उन्हें कविता कोश पर डालना उचित है? सादर - धर्मेन्द्र कुमार सिंह

बधाई, २५,००० पन्नों का सफ़र तय हो गया

कविताकोश टीम को हार्दिक बधाई,

बहुत बहुत बधाई, २५,००० पन्नों का सफ़र तय हो गया, हिंदी साहित्य को अंतरजाल पर इस तरह पैर फैलाते देख मन हर्षित हो उठता है दुआ है कि सभी मिल कर इसी तरह काम करते जाएँ और नए साथी जोड़ते जाएँ, सहयोग, प्रेम, आदर और समर्पण हमारे बीच में जब तक रहेगा, कविताकोश इसी तरह उन्नति करता रहेगा मैं २८ दिसंबर तक परीक्षा में व्यस्त रहूंगी, ऑनलाइन आना नहीं हो सकेगा दिसंबर के बाद आप सबके बीच दुबारा नज़र आऊँगी तब तक के लिए इजाज़त

--Shrddha ०२:०५, २१ नवम्बर २००९ (UTC)

आदरणीय जनविजय जी! कृपया यह स्पष्ट करें कि किन पन्नों में कविता श्रेणी नहीं जोड़नी चाहिए, मेरे विचार में तो कविता कोश की सारी रचनाएँ पहले कविता श्रेणी में आती हैं, और फिर उसके बाद अन्य श्रेणियों में। सादर - धर्मेन्द्र कुमार सिंह

अनुवादित रचनाओँ का योगदान

नमस्कार,

मैं कविता कोष का नवीन सदस्य हूँ अत: एक विषय पर आपकी सहायता चाहता हूँ| कविता कोश में अनुदित रचनकारों की सूची में मैं अंग्रेज़ी से स्वयं अनुवादित रचनाओं का योगदान करना चाहता हूँ | क्या मुझे ऐसा करने की अनुमति है? विषेशत: मैं एच.पी. लवक्राफ्ट नामक लेखक की रचनाओँ के अनुवादित वर्णन प्रस्तुत करना चाहता हूँ | कृपया मेरा उचित मार्गदर्शन करें। धन्यवाद! --Saatwik 16:55, 5 फरवरी 2010 (UTC)

द्रुत उत्तर के लिये धन्यवाद | अनुवाद भेजने हेतु ई मेल पता बता दें तो मैं आपका आभारी रहूँगा | सादर --Saatwik 12:40, 7 फरवरी 2010 (UTC)
धन्यवाद! कविता के मूल (अंग्रेजी) एवं अनुवादित संस्करण, मैं दोनों ही प्रेषित कर दूँगा | --Saatwik 13:36, 7 फरवरी 2010 (UTC)

सादर नमस्कार अनिल जी ! श्री कन्हैया लाल सेठीया जी का राजस्थानी कविता संग्रह ‘‘लीलटांस’’ सम्पूर्ण कर दिया गया है। कृपया आप उसे सुरक्षित कर देवें। !