भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चमके छवि के केतन / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:49, 9 जनवरी 2011 का अवतरण ("चमके छवि के केतन / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
भागता
चला गया
भयंकर
भीमकाय
अँधेरा
रात पर डाले जा रहा था जो डेरा
खुलती
चली गई
रंगीन
अक्षितिज
हर्षित दिखी
धैर्य की धरती
नाम और रूप से परिचित
प्रकाशित सुबह
चेतन
चमके छवि के चेतन।
रचनाकाल: १२-११-१९७०, रात १० बजे