Last modified on 13 जुलाई 2008, at 18:17

मैं ना जीओं बिनु राम / भोजपुरी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मैं ना जीओं बिनु राम हो जननी, मैं ना जिओं बिनु राम।
राम जइहें संग हमहु जाएब,
अवध अइहें कवन काम जननी हो, मैं ना जीओं बिनु राम।
राम लखन दुनो वन के गवनकिन,
नृपति गयो सुरधाम, मैं न जीओं बिनु राम।
भूख लगी तहाँ भोजन बनैहों, प्यास लगी तहँ पानी
नींद लगी तहँ सेज लगैहों, चरण दबैहों सुबह-साम,
मैं न जीओ बिनु राम।