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इन्तज़ार / विमलेश त्रिपाठी

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कुछ अध्ेड़ औरतें
इन्तजार करते-करते
भूल चुकी थीं इन्तजार का अर्थ
उनके लिए इन्तजार करना
झाडई ़ लगान े स े लके र बतर्न मजं ने
और रोटी बेलने की तरह ही साधरण था
यह साधरण काम वे सदियों से
साधरणतः करती आ रही थीं
कुछ अपेक्षाकृत जवान औरतें
इन्तजार करने के बाद बौखला रही थीं
उनके लिए इन्तजार करना
लिपिस्टिक चुनने से लेकर
पार्लर जाने और सौन्दर्य बचाने के लिए
तमाम नुस्खों की खोज की तरह ही
असाधरण था
यह असाधरण काम
वे कुछ दशक पहले से
साधरणतः करती आ रही थीं
कुछ अध्ेड़ पुरुष खुशी-खुशी दफ्रतर जाते थे
सुबह उमगते हुए
सड़क पर टहलने निकलते थे
और सूरज की पहली किरण का
इन्तजार साधरणतः करते थे
कुछ अपेक्षाकृत युवा पुरुष साधरणतः
अपने चेहरे की चिन्ता सिगरेट के ध्ुएं में छुपाते थे
और किसी तरल-गरल पार्टी में
सबकुछ भूल जाने का
बेसब्री से इन्तजार साधरणतः करते थे