हम बचे रहेंगे

| रचनाकार | विमलेश त्रिपाठी | 
|---|---|
| प्रकाशक | नई क़िताब- दिल्ली- 110009 | 
| वर्ष | 2011 | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | |
| पृष्ठ | 112 | 
| ISBN | 978-81-908197-5-6 | 
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- वैसे ही आऊँगा / विमलेश त्रिपाठी
 - हिचकी / विमलेश त्रिपाठी
 - कविता में लम्बी उदासी / विमलेश त्रिपाठी
 - बेरोज़गार भाई के लिए / विमलेश त्रिपाठी
 - जीने का उत्सव / विमलेश त्रिपाठी
 - सपना / विमलेश त्रिपाठी
 - हम बचे रहेंगे / विमलेश त्रिपाठी
 - हम बचे रहेंगे-2 / विमलेश त्रिपाठी
 - शब्द जो साथ नहीं चलते / विमलेश त्रिपाठी
 - बूढ़े इन्तज़ार नहीं करते / विमलेश त्रिपाठी
 - यक़ीन / विमलेश त्रिपाठी
 - शब्दों के स्थापत्य के पार / विमलेश त्रिपाठी
 - इन्तज़ार / विमलेश त्रिपाठी
 - ख़बर / विमलेश त्रिपाठी
 - वही नहीं लिख पाया / विमलेश त्रिपाठी
 - बसन्त / विमलेश त्रिपाठी
 - कहाँ जाऊँ / विमलेश त्रिपाठी
 - लोहा और आदमी / विमलेश त्रिपाठी
 - कविता / विमलेश त्रिपाठी
 - अकेला आदमी / विमलेश त्रिपाठी
 - कथा / विमलेश त्रिपाठी
 - रिफ़्यूजी कैम्प / विमलेश त्रिपाठी
 - जब कुछ भी शेष नहीं रहता सोचने को / विमलेश त्रिपाठी
 - सच तो यह है / विमलेश त्रिपाठी
 - ग़नीमत है अनगराहित भाई / विमलेश त्रिपाठी
 - समय है न पिता / विमलेश त्रिपाठी
 - कुम्हार का चाक भूख भैरवी और एक प्रश्न / विमलेश त्रिपाठी
 - इस बसन्त में / विमलेश त्रिपाठी
 - बात ऐसी तो नहीं थी / विमलेश त्रिपाठी
 - थके हुए समय में / विमलेश त्रिपाठी
 - एक कविता जन्म ले रही है / विमलेश त्रिपाठी
 - अँधेरे में एक आवाज़ / विमलेश त्रिपाठी
 - जब प्रेम / विमलेश त्रिपाठी
 - ईश्वर हो जाऊँगा / विमलेश त्रिपाठी
 - कठिन समय में प्रेम / विमलेश त्रिपाठी
 - स्कूल की डायरी से / विमलेश त्रिपाठी
 - अन्ततः बस... / विमलेश त्रिपाठी
 - तुम्हारे लिए / विमलेश त्रिपाठी
 - एक तस्वीर देखकर / विमलेश त्रिपाठी
 - प्यार करते हुए / विमलेश त्रिपाठी
 - अर्थ-विस्तार / विमलेश त्रिपाठी
 - पहली बार / विमलेश त्रिपाठी
 - राजघाट पर घूमते हुए / विमलेश त्रिपाठी
 - भरोसे के तन्तु / विमलेश त्रिपाठी
 - किसान / विमलेश त्रिपाठी
 - गुजरात / विमलेश त्रिपाठी
 - तो समझना / विमलेश त्रिपाठी
 - आग, सभ्यता, चाय और स्त्रियाँ / विमलेश त्रिपाठी
 - उन्हीं दिनों / विमलेश त्रिपाठी
 - महानगर में एक मॉडल / विमलेश त्रिपाठी
 - पीली साड़ी पहनी औरत / विमलेश त्रिपाठी
 - स्त्रियाँ / विमलेश त्रिपाठी
 - माँ / विमलेश त्रिपाठी
 - आजकल माँ / विमलेश त्रिपाठी
 - स्त्री थी वह / विमलेश त्रिपाठी
 - पत्नी / विमलेश त्रिपाठी
 - तुम्हारे मनुष्य बनने तक / विमलेश त्रिपाठी
 - कवि हूँ / विमलेश त्रिपाठी
 - दुःख एक नहीं / विमलेश त्रिपाठी
 - यह दुःख / विमलेश त्रिपाठी
 - कविता के बाहर / विमलेश त्रिपाठी
 - बारिश / विमलेश त्रिपाठी
 - यह दुख / विमलेश त्रिपाठी
 - महानगर, लोकतंत्र और मज़दूर / विमलेश त्रिपाठी
 - प्रार्थना / विमलेश त्रिपाठी
 - लौटना / विमलेश त्रिपाठी