अवतार तो
युग-युगों के बाद
एक बार ही
धारण करता है अपना वेश
वह जानता है यह बात
इसीलिये
बार-बार
तुम्हें भेजता है मां
दुःख भोगने वाला
इसके सिवाय कौन जनमा है
आज तक
इस धरती पर अपनी।
अनुवाद :- कुन्दन माली