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प्रतिकार / मंगलेश डबराल

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जो कुछ भी था जहाँ-जहाँ हर तरफ़

शोर की तरह लिखा हुआ

उसे ही लिखता मैं

संगीत की तरह ।


(रचनाकाल : 1999)