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मेरे विचार हैं दीप / अज्ञेय
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मेरे विचार हैं दीप
मेरा प्यार ? वह आकाश है ।
वे नहीं देते उसे आलोक
वह भी स्नेह उनको नहीं देता ।
अलग दोनों की इयत्ता है ।
किन्तु उन की ओट ही
गहराइयाँ उसकी झलकती हैं
और उसके सामने ही सत्य उन का रूप
दिखता है विशद
सहसा अनिर्वचनीय !
मेरा प्यार ? वह आकाश है ।