मेरे विचार हैं दीप
मेरा प्यार ? वह आकाश है ।
वे नहीं देते उसे आलोक
वह भी स्नेह उनको नहीं देता ।
अलग दोनों की इयत्ता है ।
किन्तु उन की ओट ही
गहराइयाँ उसकी झलकती हैं
और उसके सामने ही सत्य उन का रूप
दिखता है विशद
सहसा अनिर्वचनीय !
मेरा प्यार ? वह आकाश है ।
दिल्ली, 21 दिसम्बर, 1954