Last modified on 25 सितम्बर 2013, at 14:25

या लगै भाणजी तेरी / बाजे भगत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:25, 25 सितम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बाजे भगत |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

या लगै भाणजी तेरी, इसनै मतना मारै कहूं जोड़ कै हाथ तूं इस पै दया करै नै

और किसे का दोष नहीं तकदीर मेरी हेट्टी सै नौ महीने तक बोझ मरी या मेरे उदर लेटी सै या एक बेटी सै मेरी, मत जुलम गुजारै क्यों करता आत्मघात, तूं इस पै दया करै नै

मेरी बातों पै कंस भाइ, तू कती ध्यान न धरता कानां पर कै टाळै सै, मेरा बोल तेरै ना जरता क्यों करता डुब्बा-ढेरी, मैं रहूं क्यां कै सहारै बाळक मारे सात, तू इस पै दया करै नै

मेरे बाळक मारण का तनै बुरा ले लिया चसका कै दिन खातिर जुलम करै भाई जीना सै दिन दस का बता या किसका सै के लेहरी मत सिर नै तारै आखिर कन्या की जात, तू इस पै दया करै नै


ऋषि मुनी और योगी मात तनैं ध्यावैं सै बह्म ज्ञानी सन्त छज्जू दीप चन्द उन कवियों नै मानी वरदान भवानी, देहरी जाण म्हारी होगी सारै ये हरदेवा की करामात तू इस पै दया करै नै