भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घर / अर्जुनदेव चारण

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:14, 24 नवम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्जुनदेव चारण |संग्रह=घर तौ एक ना...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


स्त्रिस्टी रौ
पैलौ घर
मां री कूंख
दूजौ
खोळौ
छेहलौ
मसांण

आं तीनां सूं
कटियोड़ा
अपां भटकां
आखी उमर
धरती आभै रौ आंतरै
ऊभा करां
ऊंचा ऊंचा भाखर
आप आप रै
माप रा