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कविता का आकाश / विपिन चौधरी
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धरती पर झड़ें हुए उदासी के पीले फूल और ख़ुशी के सलमे-सितारे लेकर मुलायम हरी अमरबेल के सहारे होते हुए कुछ शब्द ऊपर चढ़ने में सफल हो सके
देखते ही देखते कविता का आसमान नीला हो गया