हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बीबी तेरे बाबा जी खड़े
राम-रथ हांक दिया
बीबी मांगणा हो सोए मांग
अभी तो तनैं मिल सकदा
मैं तो बर मांगूं भगवान
देवर छोटे लछमन से
मैं तो मांगू कुसल्या बरगी सास
ससुर राजा जसरथ से
मैं तो मांग अजुध्या जी का राज
तख्त बैठी हुकम करूं
सखि हे मेरी राम राम ले ल्यो सहेली चाली
धौली मोटर कार आज म्हारे आ रही
सखि हे नाई की बुलाल्यो ए के सीस गुन्दा ल्यो ए
गाल्यो मंगल चार ज्ञान के गाल्यो ए
पति हे मेरी गुट्ठी पहर रह्या हे
रेसमी कुरता बटनां की लाग री लार
तेज होवै खुड़का वोह् तो चलावै कार
पति हे मेरा पट्ठे बाह रह्या हे