Last modified on 30 जनवरी 2016, at 17:10

मंगल राधा कृष्ण नाम / प्रेमघन

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:10, 30 जनवरी 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मंगल राधा कृष्ण नाम शुचि सरस सुहावन।
मंगलमय अनुराग जुगल मन मोह बढ़ावन॥
मंगल गावनि भाव सुमंगल वेनु बजावन।
मंगल प्यारी मोद विहँसि मुख चंद दुरावन॥
मंगलमय प्रातहि उठि दोऊ कुंजनितें गृह आवईं।
बद्रीनरायन जू तहाँ मंगल पाठ सुनावईं॥