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गीतावली / तुलसीदास
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बालकाण्ड
- आज सुदिन सुभ घरी सुहाई / तुलसीदास
- सहेली सुनु सोहिलो रे / तुलसीदास
- आजु महामङ्गल कोसलपुर सुनि नृपके सुत चारि भए / तुलसीदास
- गावैं बिबुध बिमल बर बानी / तुलसीदास
- घर-घर अवध बधावने मङ्गल-साज-समाज / तुलसीदास
नामकरण
दुलार