Last modified on 16 नवम्बर 2006, at 00:22

पद / भारतेंदु हरिश्चंद्र

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:22, 16 नवम्बर 2006 का अवतरण

रचनाकार: भारतेंदु हरिश्चंद्र

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*

पद

तेरी अँगिया में चोर बसैं गोरी !

इन चोरन मेरो सरबस लूट्यौ मन लीनो जोरा जोरी !

छोड़ि देई कि बंद चोलिया, पकरैं चोर हम अपनो री !

"हरीचन्द" इन दोउन मेरी, नाहक कीनी चितचोरी !

तेरी अँगिया में चोर बसैं गोरी !!