भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक दुआ / कैफ़ी आज़मी
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:48, 12 नवम्बर 2006 का अवतरण
लेखक: कैफ़ी आज़मी
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
अब और क्या तेरा बीमार बाप देगा तुझे
बस एक दुआ कि ख़ुदा तुझको कामयाब करे
वो टाँक दे तेरे आँचल में चाँद और तारे
तू अपने वास्ते जिस को भी इंतख़ाब करे
इंतख़ाब = चुनाव