भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिल चीज़ क्या है / शहरयार
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:26, 5 नवम्बर 2006 का अवतरण
लेखक: शहरयार
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिये
बस एक बार मेरा कहा मान लीजिये
इस अंजुमन में आपको आना है बार बार
दीवार-ओ-दर को ग़ौर से पहचान लीजिये
माना के दोस्तों को नहीं दोस्ती का पास
लेकिन ये क्या के ग़ैर का एहसान लीजिये
कहिये तो आसमाँ को ज़मीं पर उतार लाएँ
मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिये
टिप्पणी:
इस गज़ल को शहरयार ने फ़िल्म "उमराव जान" के लिये लिखा था। फ़िल्म में नायिका उमराव जान एक शायरा भी हैं और उनका तख़ल्लुस "अदा" है।