Last modified on 18 जनवरी 2009, at 13:56

दस्तकें / अग्निशेखर

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:56, 18 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अग्निशेखर |संग्रह=मुझसे छीन ली गई मेरी नदी / अग्...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बन्द दरवाज़ों ने
बुलाया दस्तकों को अपने पास
घबराया समय
और दस्तकों को हुआ कारावास
इस तरह हर युग में
बन्द दरवाज़े रहे उदास