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दस्तकें / अग्निशेखर
Kavita Kosh से
बन्द दरवाज़ों ने
बुलाया दस्तकों को अपने पास
घबराया समय
और दस्तकों को हुआ कारावास
इस तरह हर युग में
बन्द दरवाज़े रहे उदास