एक शे’र
मुसहफ़े-रुख़<ref>चेहरे की किताब</ref> पे जो ज़ुल्फ़ों ने लिखा बिस्मिल्लाह
आयी ज़ंज़ीर के हल्क़ों की सदा, बिस्मिल्लाह
शब्दार्थ
<references/>एक शे’र
मुसहफ़े-रुख़<ref>चेहरे की किताब</ref> पे जो ज़ुल्फ़ों ने लिखा बिस्मिल्लाह
आयी ज़ंज़ीर के हल्क़ों की सदा, बिस्मिल्लाह