ढूँढने वाला सितारों की गुज़रगाहों का
अपने अफ़कार<ref>फ़ि
क्र का बहुवचन/चिंताएँ
</ref>
की दुनिया में सफ़
र कर न सका
अपनी हिकमत<ref>दुस्साहस
</ref> के ख़मो-पेच<ref>उलझनों</ref> में उलझा ऐसे
आज तक फ़ैसला-ए-नफा-ओ-ज़
रर
<ref>लाभ-हानि
का निर्णय
</ref>
जिसने सूरज की शुआओं<ref>किरणों </ref> को गिरफ़्तार
किया
ज़िन्दगी की शबे-तारीक <ref>अँधेरी रात सहन कर न सका </ref>
शब्दार्थ
<references/>