गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 15 अक्टूबर 2010, at 20:19
सबद-1 / ओम पुरोहित ‘कागद’
Neeraj Daiya
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 20:19, 15 अक्टूबर 2010 का अवतरण
(नया पृष्ठ: <poem>जुद्ध मंय मिनख री लगोलग हार रै बाद बी बच रैया है सबद पळकता सूरज द…)
(अंतर) ← पुराना अवतरण |
वर्तमान अवतरण
(
अंतर
) |
नया अवतरण →
(
अंतर
)
जुद्ध मंय
मिनख री
लगोलग हार रै बाद बी
बच रैया है
सबद
पळकता
सूरज दांई
आवण आडा
प्रीत री रीत
बिसतारण ।