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सबद-1 / ओम पुरोहित ‘कागद’
Kavita Kosh से
जुद्ध मंय
मिनख री
लगोलग हार रै बाद बी
बच रैया है
सबद
पळकता
सूरज दांई
आवण आडा
प्रीत री रीत
बिसतारण ।