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१३-प्रेम-भरी कातरता कान्ह की प्रगट होत / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर प्रेम-भरी कातरता कान्ह
१३-प्रेम-भरी कातरता कान्ह की प्रगट होत / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर प्रेम-भरी कातरता कान्ह
छो१०-कहत गुपाल माल मंजुमनि पुंजनि की / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर कहत गुपाल माल मंजुमनि पुंज
१०-कहत गुपाल माल मंजुमनि पुंजनि की / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर कहत गुपाल माल मंजुमनि पुंज
छो८-गोकुल की गैल-गैल गोप ग्वालिन कौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर गोकुल की गैल-गैल गोप ग्वालिन
८-गोकुल की गैल-गैल गोप ग्वालिन कौ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर गोकुल की गैल-गैल गोप ग्वालिन
छो५-नंद और जसोमति के प्रेम पगे पालन की / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर नंद और जसोमति के प्रेम पगे
५-नंद और जसोमति के प्रेम पगे पालन की / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर नंद और जसोमति के प्रेम पगे
छो४-विरह-बिथा की कथा अकथ अथाह महा / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर विरह-बिथा की कथा अकथ अथाह महा / ज
४-विरह-बिथा की कथा अकथ अथाह महा / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर विरह-बिथा की कथा अकथ अथाह महा / ज
छो३-देखि दूरि ही तैं दौरि पौरि लगि भेंटि ल्याइ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर देखि दूरि ही तैं द
३-देखि दूरि ही तैं दौरि पौरि लगि भेंटि ल्याइ / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर देखि दूरि ही तैं द
छो२-आए भुजबंध दये ऊधव सखा कैं कंध / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर आए भुजबंध दये ऊधव सखा कैं कंध / ज
२-आए भुजबंध दये ऊधव सखा कैं कंध / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर आए भुजबंध दये ऊधव सखा कैं कंध / ज
छो२५-धाईं धाम-धाम तैं अवाई सुनि ऊधव की / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर धाईं धाम-धाम तैं अवाई सुनि
२५-धाईं धाम-धाम तैं अवाई सुनि ऊधव की / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर धाईं धाम-धाम तैं अवाई सुनि
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२२-लै कै उपदेश-औ-संदेस पन ऊधौ चले / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ का नाम बदलकर लै कै उपदेश-औ-संदेस पन ऊधौ चले