काली अचकन और
मेरी
दूध जैसी सफेद
दर्शनी दाड़ी में
गहरे जड़ों वाला
एक फ़ोड़ा
निकल आया है
मैं भीड़ में
ठोडी पर हाथ रखकर
निकलता हूँ ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला
काली अचकन और
मेरी
दूध जैसी सफेद
दर्शनी दाड़ी में
गहरे जड़ों वाला
एक फ़ोड़ा
निकल आया है
मैं भीड़ में
ठोडी पर हाथ रखकर
निकलता हूँ ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला