Last modified on 27 जून 2007, at 16:25

उसका दु:ख / पवन करण

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:25, 27 जून 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पवन करण }} वह उदास है आज आज देर तक देखेगी वह ख़ुद को आइन...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


वह उदास है आज

आज देर तक देखेगी

वह ख़ुद को आइने में

देखेगी अपनी चमड़ी पर

फेर-फेर कर हाथ,

उँगलियों पर गिनेगी उम्र,

चौकेगी हर आहट पर

उसका दु:ख आज

ख़ूब सताएगा उसे