Last modified on 15 जून 2011, at 05:43

प्रीत-21 / विनोद स्वामी

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:43, 15 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= विनोद स्वामी |संग्रह= }} Category:मूल राजस्थानी भाषा…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बगत नै ईसको होग्यो
आपणै हेत सूं
जदी तो
बै दिन
कितणा गया तावळा
अर अब
अै दिन
कटै ई कोनी बावळा।