Last modified on 25 जून 2011, at 01:33

जो कहते हैं - 'हमसे लड़ाई हुई है' / गुलाब खंडेलवाल


जो कहते हैं, 'हमसे लड़ाई हुई है'
किसी की लगाई बुझाई हुई है

कहो प्यार से छिप के सपनों में आये
अभी रूप को नींद आई हुई है

न छेड़ो इसे भावना रो पड़ेगी
ये पहले ही से चोट खाई हुई है

हुई थी जिसे बोलने की मनाही
वो बात आज होठों पे आई हुई है

कहाँ उनकी बैठक, कहाँ मेरी चर्चा!
ये बेपर की किसकी उड़ाई हुई है!

खिलेंगे गुलाब उनकी आँखों में अब तो
सुना थोड़ी-थोड़ी ललाई हुई है