तूफ़ाँ के तलातुम में किनारा क्या है,
गरदा में तिनके का सहारा क्या है.
सोचा भी ऐ ज़ीस्त पे मरने वाले,
मिटती हुई मौजों का इशारा क्या है?
तूफ़ाँ के तलातुम में किनारा क्या है,
गरदा में तिनके का सहारा क्या है.
सोचा भी ऐ ज़ीस्त पे मरने वाले,
मिटती हुई मौजों का इशारा क्या है?