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मकान / देवांशु पाल

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दीवार जितनी
जमीं के ऊपर
उतनी ही जमीं के नीचे
जितनी मजबूत जमीं
उतना ही मजबूत मकान
जितनी उम्मीद
मकान की छत पर
उतनी ही नींव पर
कल जब
जली थी एक तिली माचिस की
पति-पत्नी के तकरार से
एक पल के लिए
सारा मकान थर्रा गया
किसी अप्रत्याशित भय से।