Last modified on 29 अगस्त 2011, at 21:53

चल चलें इक राह नूतन / नवीन सी. चतुर्वेदी

Navincchaturvedi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:53, 29 अगस्त 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: चल चलें इक राह नूतन<br /> <br /> भय न किंचित हो जहाँ पर<br /> पल्लवित सुख हो नि…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चल चलें इक राह नूतन

भय न किंचित हो जहाँ पर
पल्लवित सुख हो निरंतर
अब लगाएं हम वहीँ पर
बन्धु - निज आसन

द्वेष - ईर्ष्या को न प्रश्रय
दुर्गुणों की हो पराजय
हो जहाँ बस प्रेम की जय
खिल उठे तन मन