Last modified on 8 सितम्बर 2011, at 12:22

ज्योति / मंजुला सक्सेना

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:22, 8 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मंजुला सक्सेना |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> मैं देखता ह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैं देखता हूँ पीछे और पश्चात,
और पाता हूँ सब है ठीक,
मेरे गहनतम विषाद में,
निहित है आत्मा की ज्योति.


स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित मूल अंग्रेज़ी रचना
Light

I look behind and after
And find that all is right,
In my deepest sorrows
There is a soul of light.