Last modified on 6 दिसम्बर 2011, at 11:48

अलाव / नंदकिशोर आचार्य

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:48, 6 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=केवल एक प...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

होते जा रहे निस्पन्द
इस हेमन्ती अन्धकार में
                    जब
अलाव हैं तुम्हारी यादें
देतीं आलोकित ऊष्मा
              शब्दों को मेरे
मुझ को
राख करती हुईं ।

7 जनवरी 2010