Last modified on 19 दिसम्बर 2011, at 02:09

रूमाल / रघुवीर सहाय

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:09, 19 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रघुवीर सहाय |संग्रह=सीढ़ि‍यों पर ध...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वह मेरा रूमाल कहाँ है ?
कहाँ रह गया ?
कहीं उसे मैं छोड़ न आया हू कुर्सी पर ? वह कितना
                                    मैला था
उस से मैम्ने जूता नाक पसीना और क़लम की निब
                                     पोछी थी ।