चल दिए करके दिल्लगी मुझसे
आपकी क्या थी दुश्मनी मुझसे
मैंने ख़ुशियों की जुस्तजू की थी
है ख़फ़ा अब ये ज़िन्दगी मुझसे
हमको लूटा है बागबानों ने
कह रही है कली-कली मुझसे
आह, गम . दर्द. कसक. तन्हाई
कितना खेलेगी ज़िन्दगी मुझसे
मैंने इतना कहा कि मुफलिस हूँ
दूर जा बैठे आप भी मुझसे
याद है उनका 'मनु' ये कहना-
'बात करना नहीं कभी मुझसे'