जगहें खत्म हो जाती हैं
जब हमारी वहॉं जाने की इच्छाएं
खत्म हो जाती हैं
लेकिन जिनकी इच्छाएं खत्म हो जाती हैं
वे ऐसी जगहों में बदल जाते हैं
जहॉं कोई आना नहीं चाहता
कहते हैं रास्ता भी एक जगह होता है
जिस पर जिन्दगी गुजार देते हैं लोग
और रास्ते पॉंवों से ही निकलते हैं
पॉंव शायद इसीलिए पूजे जाते हैं
हाथों को पूजने की कोई परंपरा नहीं
हमारी संस्कृति में
ये कितनी अजीब बात है।