कोई अभिशाप नहीं हूँ मैं
कोई पाप नहीं हूं मैं
मुझे मुक्त करने का ढोंग न रचो,
मेरे उद्धार का कोई आधार न रखो
अपनी यातनाओं,
अपनी पीड़ाओं को गूँथकर
जीवन की सर्जनात्मकता
का वरदान
अभी बाकी है मुझ में ।
कोई अभिशाप नहीं हूँ मैं
कोई पाप नहीं हूं मैं
मुझे मुक्त करने का ढोंग न रचो,
मेरे उद्धार का कोई आधार न रखो
अपनी यातनाओं,
अपनी पीड़ाओं को गूँथकर
जीवन की सर्जनात्मकता
का वरदान
अभी बाकी है मुझ में ।