Last modified on 11 दिसम्बर 2012, at 08:24

अभी / सुमति बूधन

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:24, 11 दिसम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमति बूधन }} {{KKCatMauritiusRachna}} <poem> कोई अभिश...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कोई अभिशाप नहीं हूँ मैं
कोई पाप नहीं हूं मैं
मुझे मुक्त करने का ढोंग न रचो,
मेरे उद्धार का कोई आधार न रखो
अपनी यातनाओं,
अपनी पीड़ाओं को गूँथकर
जीवन की सर्जनात्मकता
का वरदान
अभी बाकी है मुझ में ।