Last modified on 28 जून 2013, at 15:51

माँ / रविकान्त

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:51, 28 जून 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रविकान्त }} {{KKCatKavita}} <poem> एक रहस्य है वह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

एक रहस्य है वह
गर्व है
उसकी नियति पर सबको

एक स्त्री को
'माँ' शब्द की परंपरा के
अभिप्राय तले
चूसते हुए
सुखा रहे हैं
लोग