तुम्हारी अबोली आँखों ने भी
सीख लिया है--
अनवरत बोलना/बतियाना,
तब ऐसे में
कुछ भी कहना व्यर्थ है...!
बेहतर होगा --
बिछा दी जाएँ चुप्पी की सुरंगें!
क्या जानते नहीं तुम दोस्त
कि प्रेम की दुनिया में
बोल वर्जित होते हैं...!
तुम्हारी अबोली आँखों ने भी
सीख लिया है--
अनवरत बोलना/बतियाना,
तब ऐसे में
कुछ भी कहना व्यर्थ है...!
बेहतर होगा --
बिछा दी जाएँ चुप्पी की सुरंगें!
क्या जानते नहीं तुम दोस्त
कि प्रेम की दुनिया में
बोल वर्जित होते हैं...!