वह बच्ची
बिटिया की उम्र की
रवीन्द्र सदन से सटे
ठीक बगल वाले फुटपाथ पर
बिजली के खम्बे से आधी पीठ और सर टिकाकर
सो रही है
मुंह उसका खुला हुआ है
आधी खुली हुई हैं आँखें
पुतलियाँ स्थिर
सामने पड़े कटोरे में पड़े हुए हैं चंद सिक्के
एक-दो रुपयों के
रवीन्द्र सदन के नंदन हॉल में
पाँच जून से बारह जून तक
बच्चों पर विश्वभर की चुनी हुई
फिल्में दिखाई जा रही है।।