जिला जींद में सफीदों के पास हाट गांव निवासी हरिचंद का जन्म 16 अक्टूबर 1941 को हुआ। गांव से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। राज मिस्त्री का काम करते थे और आरा मशीन चलाते थे। सन् 1980 से वामपंथी आंदोलन से जुड़े और अपनी अंतिम सांस तक ( 11 मई 2010 ) जुड़े रहे। इनकी रागनियों में मार्क्सवादी दृष्टि का प्रभाव है। आर्थिक, सामाजिक, लैंगिक शोषण व भेदभाव के साथ श्रमिक आंदोलन के प्रति चिंताएं इनकी रागनियों के प्रमुख विषय हैं।