Last modified on 30 सितम्बर 2013, at 11:50

बिस्मिल अज़ीमाबादी / परिचय

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:50, 30 सितम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachnakaarParichay |रचनाकार=बिस्मिल अज़ीमाबादी }} इस गुमन...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

इस गुमनाम रहे शायर का असली नाम सैयद शाह मोहम्मद हसन उर्फ़ शाह झब्बो था. तखल्लुस बिस्मिल रखा. पटना के बाशिंदे थे सो उर्दू की परम्परानुसार अज़ीमाबादी! उर्दू-शायरों को स्थान-प्रेम होता है.यूँ बिस्मिल अज़ीमाबादी का जन्म पटने से तीस किलोमीटर पर स्थित गाँव खुसरू पूर में हुआ.लेकिन दो साल के रहे होंगे कि पिता चल बसे. शिक्षा-दीक्षा का दायित्व नाना सैयद शाह मुबारक हुसैन ने संभाला. पढने-लिखने के लिए कई जगह ले जाए गए, लेकिन जिसे नामी-गिरामी सनद कहा जाता है, हासिल न कर सके. हाँ समकालीन रिवाज की दो भाषाएँ अरबी और फ़ारसी का ज्ञान अवश्य ग्रहण कर लिया. उर्दू तो इनकी रगों में पेवस्त थी. मन तो मुल्क की आज़ादी के लिए मचलता था और ज़हन ग़ज़ल की तलाश में यत्नशील. शुरुआत में शाइरी की इस्लाह शाद अज़ीमाबादी से लेते रहे. इनके बाद मुबारक अज़ीमाबादी को उस्ताद माना.