Last modified on 16 अक्टूबर 2013, at 13:44

उडीक / प्रमोद कुमार शर्मा

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:44, 16 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

म्है
बां नै
सा‘रौ दियौ
अर चढ़ा दिया पहाड़ उपर !

बात ही जीत री
हुई बा
पण बै पहाड़ सूं उतरणौ भूलग्या
अर म्है बां री उडीक मांय
हुग्या पहाड़ !